Saturday, February 9, 2013

KHOON KA BADLA KHOON


कातिल अमिताभ बच्चन 

अमिताभ बच्चन, भारतीय सिने जगत का एक चमकता सितारा और एक कातिल ? जी हाँ परन्तु कातिल तो वह कहला सकता है जिस ने एक, दो, तीन या अधिक क़त्ल किये हों? यह तो एक नर पिशाच है--- इसने १९८४ में सिखों का कत्लेआम करने के लिए भारतीय सरकार द्वारा संचालित एकमात्र टी वी चैनल दूर दर्शन का सहारा लिया ! अपने सीधे प्रसारण में इसने हिन्दुओं को सिखों का खून करने के लिए कहा! यह मात्र एक अफवाह नहीं--कड़वा सत्य है ! इसने दूर दर्शन पर आकर सिखों के विरुद्ध नारे लगाए कि," खून का बदला खून" और यह नारों का प्रसारण रुक रुक कर ३ दिन तक इस चैनल द्वारा प्रसारित किया गया !  

अमिताभ बच्चन एक 'एंग्री यंग मैन' के रूप में भारतीय जन मानस में अत्यधिक लोकप्रिय था, इसके चाहने वालों में सभी वर्गों व धर्मों के लोग थे. इसका सम्बन्ध भारत के शासक परिवार व तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी से था और इसी लिए इसकी फिल्मों को सेंसर बोर्ड से शीघ्र अनुमति मिल जाती थी और इस कारण यह अति शीघ्र लोकप्रियता की बुलंदियों पर जा बैठा, इसका किसी फिल्म में होना ही सफलता की गारंटी बन गया था !
इंदिरा गाँधी के कत्ल के पश्चात उनका बेटा राजीव गांधी प्रधान मंत्री नियुक्त हुआ, उसने अपनी माँ का बदला लेने के लिए भारतीय सेना व पुलिस का दुरुपयोग किया ! तीन दिनों तक कत्लों का सिलसिला जारी रहा !  
कांग्रेस के कई मंत्रियों ने खुल कर इस ख़ूनी खेल में अपना सहयोग दिया जिसमें से कुछ नाम हैं---हरि किशन लाल भगत, जगदीश टाईटलर, सज्जन कुमार, कमल नाथ, ललित माकन, धर्म दास शास्त्री और अमिताभ बच्चन ! 
बाकी सब तो अपने अपने इलाके के कुत्ते थे जिन्होंने अपने- अपने इलाकों में कत्लेआम करवाया परन्तु अमिताभ - जो कि सिने जगत का एक जाना पहचाना नाम था, इसने सर्व प्रथम टी वी पर आकर जो संदेश दिया (घ्रणित), उस से सम्पूर्ण भारत में अनेक शहरों में, रेल गाड़ियों में, बसों में सिखों पर जानलेवा हमले हुए ! पूरे देश में लग भग २०,००० से ज्यादा सिखों को कत्ल किया गया! इस प्रकार इस नर पिशाच की खून की प्यास बुझी (बुझी कि नहीं - यह भी उसे ही पता होगा) ! अनगिनत सिख महिलाओं के साथ दुष्कर्म भी किए गए, उनके बच्चों को भी जान से मारने की कोशिश की गईं , उन्हें भी जला डाला गया (जिस का प्रमाण निचली तस्वीरों में स्पष्ट देखा जा सकता है), उनकी चल व अचल संपत्ति को आग लगा दी गई या लूट कर नष्ट कर दिया गया! 
अमिताभ बच्चन भारतीय सिने जगत के एक चमकता सितारा ---जो कि इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद ३१ अक्टूबर की शाम को दिल्ली पहुंचा था! हमारी अपुष्ट जानकारी  में (फेस बुक पर एक मित्र द्वारा यह जानकारी दी गई थी) तो यह भी आया है कि दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पर उतरते ही इस का सामना एक सिख सिक्युरिटी पर्सनल से हुआ, उसने इसका अभिवादन किया परन्तु इस ने पलट कर उसके एक थप्पड़ जमा दिया और कहा कि तुम सिखों ने हमारी माँ को मारा है, तुम्हें भी जिन्दा रहने का कोई अधिकार नहीं! हम इसकी पुष्टि तो नही करते लेकिन जानकारी अवश्य दे रहे हैं! 

 एक सिख बच्ची, जिसे हिन्दुओं द्वारा आग में ज़िंदा जलाने की कोशिश की गई



एक सिख बच्ची, जिसे १९८४ में हिन्दुओं द्वारा जीवित ही आग के हवाले कर दिया गया था  

इंदिरा गाँधी के पोते राहुल और पोती प्रियंका को अमिताभ बच्चन की माता तेजी बच्चन की सुरक्षा में दे दिया गया था क्योंकि यह परिवार इंदिरा का नजदीकी और विश्वास पात्र था! तेजी बच्चन भी सिख परिवार से संबंध रखती थीं लेकिन एक विधर्मी कायस्थ हरिवंश राय बच्चन से शादी करके सिख धर्म छोड़ चुकी थी! अमिताभ को फिल्म संसार में लाने का श्रेय भी इंदिरा को ही जाता है जिसने अमिताभ को ख्वाजा अहमद अब्बास के पास  फिल्म में भूमिका देने के लिए एक सिफारिशी पत्र के साथ बंबई भेजा था जिस कारण अमिताभ को 'सात हिन्दुस्तानी' नामक फिल्म में एक दूसरे दर्जे के किरदार का रोल मिला था! जब " मार-धाड से भरपूर फिल्म 'जंजीर' रिलीज़ हुई थी तो इंदिरा के प्रभाव के कारण ही सेंसर बोर्ड ने इसे पास भी कर दिया था, अन्य किसी स्टार को यह सुविधा प्राप्त नहीं थी! इस कारण अमिताभ इंडिया के 'एंग्री यंग स्टार' बन गए! अब समय था कि उस कर्ज़ को उतारा जाए?

भारत का अकेला लेकिन सरकारी टी वी चैनल दूर दर्शन दिल्ली के तीन मूर्ति भवन (जवाहरलाल नेहरु का सरकारी आवास) में इंदिरा गाँधी के शव और उन्हें आखिरी श्रद्धांजली देने आ रहे विशिष्ट एवं अन्य जन साधारण को कैमरे में कैद कर रहा था! राजीव गाँधी और अमिताभ बच्चन भी हमें वहां के कारीडोर (गलियारे) में आपस में बात करते दिखाई दिए! अचानक ही राजीव गाँधी ने अमिताभ बच्चन के कानों में कुछ कहा और अमिताभ वहीं गलियारे में टी वी कैमरे की ओर बढ़ गए और फिर वह हुआ जिसकी मैंने कभी कल्पना भी न की थी, मैं सिर्फ स्तब्ध रह गया जब मैंने अमिताभ बच्चन को टी वी पर हिन्दुओं से सिखों का खून मांगते देखा?   

और तब अमिताभ गलियारे में १० - १५ कदम चलते दिखाई दिए जो अपना हाथ की मुट्ठी बंद करके हवा में लहराते हुए अपने क्रोधित अंदाज़ में नारे लगा रहे थे....'खून का बदला खून! खून का बदला खून!' इन खून मांगते नारों के साथ वे १० - १५ कदम की दूरी तक आते और जाते दिखाए गए! इस विडियो क्लिप को बार-बार तीन दिनों तक इस सरकारी चैनल द्वारा तक लगातार दिखाया गया ! इस वीडयो ने आग में घी का काम किया, सारे देश में अमिताभ ने सिखों के कत्ल करवा डाले! इन निर्दोष सिखों की अबला स्त्रियों से बलात्कार किए गए, उन्हें बेईज्जत किया गया! हिन्दुओं की घृणित मानसिकता---पाशविकता देखने को तब मिली जब इन्होने मासूम स्त्रियों के साथ बलात्कार उनके निरीह बच्चों और उनके मृत पतियों तथा भाइयों और आदि की लाशों के सामने किया! 

मैं स्तब्ध था, काटो तो खून नही था! मैं सोच रहा था कि क्या इसके प्रशंसक सिर्फ हिन्दू थे?क्या यह वही अमिताभ बच्चन था जो कल तक एक फेल सितारा था, जिसकी हर फिल्म बॉक्स आफिस पर पिट जाती थी! फिर भी हम इसकी फ़िल्में देखते थे क्योंकि कुछ फिल्मों में इसने प्रशंसनीय काम भी किया था जैसे आनंद! तो क्या हम किसी गिनती में नहीं थे और यह एक कट्टर हिन्दू हो कर सिर्फ हिन्दुओं का ही फ़िल्मी सितारा था? तब मुझे घृणा हो गई इससे!    

स्पष्ट था कि यह एक कट्टर हिन्दू था और सिखों को अपनी घृणा का शिकार बना रहा था!वह सारे देश में सिखों का कत्ल किए जाने के लिए हिन्दुओं को उकसा रहा था और हम निरीह प्राणियों की तरह हाथ पर हाथ रखे बैठे थे? कुछ कर न सकने की लाचारी ने हमें रुला अवश्य दिया था, हमें अपने भारतीय होने पर भी शर्म आ रही थी! यह सिख तो थे जिन्होंने अपने खून देकर भारत को आज़ादी दिलवाई, इससे पहले सिखों के कारण ही हिन्दू धर्म भी बचा था नही तो यह भी संसार का एक बड़ा मुस्लिम देश होता और हिन्दू नाम की चीज़ यहाँ दिखाई न देती फिर भी इतना बड़ा विश्वासघात इन हिन्दुओं ने सिखों के साथ किया? विश्वास नही हो पा रहा था लेकिन सत्य तो आँखों के सामने था!

                                

अहसान फरामोश हिन्दू गुरुद्वारा सीसगंज पर आक्रमण कर आग लगाने के बाद ... ये भूल गए कि यहाँ सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर ने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए अपने अनुयाइयों के साथ अपना बलिदान दिया था! 

सिख भाइयों की लाशें जो बेचारे अमिताभ की घृणित पुकार खून का बदला खून का शिकार बने 

अमिताभ की इस घृणित अपील के कारण सारे देश में लगभग २०,००० निर्दोष सिखों की हत्याएं हुईं! सिखों की चल व अचल संपत्ति को लूट लिया गया या आग के हवाले किया गया! उनके व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को भी आग के हवाले किया गया! उनके घरों को भी लूटा गया इस तरह १९४७ के बाद दूसरी बार वे पैसे पैसे को मोहताज़ कर दिए गए! केवल दिल्ली में ही तीन दिनों तक हत्या का तांडव चलता रहा जिनकी सरकारी गिनती केवल २७३३ बताई जाती है लेकिन अपुष्ट समाचारों के अनुसार यह गिनती १०,००० के आस-पास हो सकती है! इस शख्स अमिताभ बच्चन के खिलाफ दो वर्गों में वैमनस्य स्थापित करने, जनता की संपत्ति को नुकसान पहुँचाने और देश को पुन: बंटवारे की स्थिति में लाने पर भी कोई मुकद्दमा दर्ज़ नहीं हुआ क्योंकि इसके कई कारण थे परन्तु आज भी यह सरकारी सुरक्षा में सारा संसार घूमता है, इसके खिलाफ भारतवर्ष में कोई मुकद्दमा चलाना लगभग असंभव ही है! 

     

रेलगाड़ियों में निर्दोष सिख यात्रियों की हत्याएं करते हुए हिन्दू 

काश हमारा भी कोई अपना देश होता जो इस समय हमारी मदद करता, हमारे लिए आवाज़ उठाता तो भारत सरकार की यह सिखों के सामूहिक कत्ल करने की हिम्मत न होती, तब से इस देश को हमने अपना नही कहा, नही माना!  

जब लोग मुझसे प्रमाण मांगते हैं कि कोई वीडियो दिखाओ जिसमें अमिताभ को हिन्दुओं को भड़का कर सिखों का खून मांगते दिखाया गया हो तो मैं उन के चेहरे ही देखता हूँ कि क्या वे मूर्ख है या अधिक चतुर? अरे! उस समय हमारी अपनी सरकार ही हमारी जान की दुश्मन बनी हुई थी! हमारा नर संहार करने वाले कोई और नहीं, हमारे अपने ही बन्धु-बांधव थे जिनसे सदियों को प्रेम था! केवल राजनीति के दुष्चक्र ने इन्हें गुमराह किया और ये हिन्दू ही हमारी पीठ में छुरा भोंक गए? फायर ब्रिगेड को हुक्म दिया गया था कि सिखों के घर पर आग लगी होने की खबर आने पर उसे स्वीकार न किया जाए, किसी कारण वश यदि जाना भी पड़े तो पानी पड़ोस के हिन्दू घरों पर डाला जाए जिससे आग न फैल सके लेकिन सिखों के जलते हुए घरों पर पानी न डाला जाए! अगले पल का पता नही था, हम अपनी और अपने परिवार की रक्षा में व्यस्त थे, किसके पास फुर्सत थी कि अमिताभ की आवाज़ रिकार्ड करता? वीडियो रिकार्डिंग की बात तो आप भूल ही जाइये क्योंकि वीडियो कैमरे हर घर में न थे, मोबाईल फोन का अविष्कार न हुआ था तो इसकी रिकार्डिंग कोई कैसे करता? सिखों से तो यह संभव न था, यदि किसी और के पास हो तो मैं कह नही सकता लेकिन दूर दर्शन के पास यह वीडियो क्लिप मौजूद है जिसे केवल उच्चतम न्यायालय के आदेश पर ही देखा जा सकता है! 

ऐसा भी नहीं है कि किसी ने अमिताभ बच्चन को टी वी पर नारे लगाते न सुना हो? हजारों ने देखा विशेषत: उन में से अधिकांश ने जो दिल्ली के बाहर अन्य शहरों में रहते थे, ने देखा था परन्तु यदि वे बताएं भी तो किसे, कोई कार्रवाई तो होनी नहीं थी, कोई सुनवाई नहीं थी! मुझे २५ वर्ष लगे परन्तु कहीं कोई सुनवाई नही हुई! तब मुझे ख्याल आया कि मंगल पांडे को १८५७ की क्रांति का श्रेय जाता है---आखिर उस अकेले ने ही अंग्रेजों को जवाब देने की हिम्मत की थी---क्रांति की शुरुआत के लिए तो केवल एक चिंगारी ही काफी होती है तो जब मैंने स्वयं ने अमिताभ बच्चन को टी वी पर हिन्दुओं को भड़काते देखा है तो मैं स्वयं ही अदालत में इसके खिलाफ कोई केस क्यों न करूं? केस करने के लिए वकीलों की फीस बहुत थी जो मैं अदा नहीं कर सकता था तो मैंने फिर कुछ दोस्तों की सलाह पर दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खट खटाया! १९-०९-२००९ को मैंने एक पब्लिक इंटेरेस्ट लिटिगेशन दिल्ली उच्च न्यायालय में दाखिल की!

२४-१०-२००९ को ही माननीय जज साहब (मन मोहन कुमार) ने इसे देरी से केस करने पर सुनवाई नही हो सकती, की लिखित टिप्पणी के साथ सुनवाई से इंकार कर दिया, अब दुबारा रिवीजन फ़ाइल करने के लिए पैसा चाहिए था, किसी वकील ने मेरा केस मुफ्त में नही लड़ा, शायद वे अंदर से भयभीत थे!  

मैंने दूर दर्शन से १ नवंबर १९८४ की वीडियो क्लिप की सी डी की कापी मांगी लेकिन उन्होंने देने से इंकार किया तब मैंने इंटरनेट पर जाने का निश्चय किया! जब मैंने देखा कि अदालत में केस लड़ पाना मेरे लिए असंभव ही है तो मैंने इंटरनेट सीखा और फिर अमिताभ से संबंधित सारी सामग्री डाल दी, लोग आश्चर्य चकित थे, उन्हें ऐसी कोई जानकारी न थी! मुझसे पहले करनैल सिंह पीर मोहम्मद नाम के एक आल इंडिया सिख स्टुडेंट्स फेडरेशन के प्रधान ने यह अवश्य बोला था परन्तु उनके पास भी कोई पुख्ता गवाह नही था! मेरे सच बोलने से उनके आन्दोलन में एक नई जान आ गई! पिछले केवल तीन वर्षों में ही हमने सारे संसार को इस अमिताभ का काला चेहरा दिखा दिया है, अब यह संसार के जिस देश में भी जाता है, इसके खिलाफ वहां प्रदर्शन होते हैं, इस का विरोध किया जाता है, इसे हत्यारा कह कर पुकारा जाता है. जो सफलता मुझे शायद अदालत में न मिलती, उससे कहीं अधिक सफलता मुझे नेट पर मिल गई है! यह टोरोंटो, कनाडा इसी विरोध के डर से नही गया और इसने आई आई ऍफ़ ए की प्रधानगी छोड़ दी, सिख्स फॉर जस्टिस नामक गैर सरकारी संगठन ने अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा से मुलाकात करके उन्हें एक ज्ञापन सौंपा जिसमें भारत में १९८४ में सिख कत्लेआम करवाने वाले कांग्रेसी नेताओं के नाम लिखे थे! इस लिस्ट में अमिताभ बच्चन का भी नाम था!

फिर यह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी इंग्लैण्ड गया, और बी बी सी, टी वी वन पर अपनी फिल्म 'पा' के प्रोमोशन के लिए गया, इसे सिखों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा, फिर यह क्वींस लैंड यूनिवर्सिटी, आस्ट्रेलिया गया जहाँ इस पर भारत में १९८४ में सिखों के कत्ल किये जाने में इसका हाथ होने के अभियोग में एक मुकद्दमा दर्ज़ किया गया, फिर इसी वर्ष २०१२ में यह इंग्लैण्ड गया था, ओलिम्पिक की मशाल लेकर दौड़ने, लेकिन वहां भी सिखों ने सडकों पर इसका विरोध किया और ‘मर्डरर - मर्डरर’ के नारे लगा कर इसका विरोध किया! इसने एक एप्लीकेशन सिखों के सर्वोच्च तख्त श्री अकाल तख्त पर भेजी और १९८४ के सिख कत्ले आम में अपना हाथ होने से इंकार किया लेकिन सबूत तो हम सामने हैं, इसके झूठ बोलने से क्या होता है, सच तो सौ पर्दे फाड़ कर भी बाहर आ जाता है!  

यदि दिल्ली तथा देश के अन्य भागों में शैतान हिन्दू जो किसी धार्मिक प्रेरणा से नहीं अपितु कांग्रेस की शातिर धार्मिक विद्वेष की भावना के शिकार हो कर निर्दोष सिखों का कत्ल कर रहे थे और सिख गुरुओं के उपकार भूल कर समस्त हिन्दू धर्म को कलंकित कर रहे थे तो वहीं सहिष्णु, धार्मिक पृवृत्ति वाले एवं मानवता के पुजारी ऐसे हिन्दू भाइयों तथा बहनों की भी कमी नहीं थी जिन्होंने अनगिनत सिख परिवारों को इन दरिंदो से बचाया और अपने घरों में पनाह दी, उन की सेवा की, उन्हें खिलाया-पिलाया तथा दरिंदों से जान का खतरा होते हुए भी अपने सिख पड़ोसियों या अनजाने सिखों की जिन्दगी बचाई,  उन सब के हम आभारी अवश्य हैं और नतमस्तक हैं उन सभी जाने अनजाने हिन्दू परिवारों के!

प्रस्तुतकर्ता :- 
अजमेर सिंह रंधावा, 
फोन नंबर 0091-9818610698



 कृपया निम्न ब्लौग और वीडियो भी अवश्य देखें :

http://amitabhbacchan1984.blogspot.in/                                                         http://khoonkabadlakhoon.blogspot.in/                                          http://monsteramitabh.blogspot.com/                                    http://amitabhaxed.blogspot.com/                                   http://failedattemptonamitabh.blogspot.com/                               http://qatilamitabh.blogspot.com/              http://sikhgenocideandamitabhbacchan.blogspot.com/

Videos;

Qatil Amitabh- http://www.youtube.com/watch?v=MTnrqPr2W1k                                   Monster Amitabh-  http://www.youtube.com/watch?v=nd9TCYMT344&feature=related   Truth of Amitabh bacchan-- http://www.youtube.com/watch?v=wDgPwxt24hY&feature=related